Friday 10 July 2015

कैसे पहचानें चीन से आ रहा प्‍लास्‍टिक वाला चावल--
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चंद रुपयों के लालच में मिलावटखोर व्‍यापारी आपकी जान से खेल रहे हैं।
दिल्‍ली हाईकोर्ट में एक पिटीशन के जरिए दिल्‍ली में नकली चावल की बात रखी गई है। पिटीशन देने वाले सुग्रीव दुबे ने कोर्ट से कहा कि वह सरकार को दुकानों से सैंपल लेने का र्निदेश दें। इस मामले पर अब 20 जुलाई को सुनवाई होनी है।
यह चावल देखने में बिल्‍कुल असली लगता है पर बना प्‍लास्‍टिक का होता है। इसे असली के साथ मिला देने पर पहचान करना और मुश्‍िकल हो जाता है। जरा सोचिए कि प्‍लास्‍टिक खाने के बाद पेट की क्‍या हालत होती होगी।
कैसे बनता है यह चावल
बिल्कुल सही जानकारी तो हासिल नहीं हो पाई मगर कहा जाता है कि यह चावल आलू, शकरकंद और प्लास्टिक को मिलाकर बनाया जाता है। यू ट्यूब पर कुछ वीडियो हैं, जिनमें दिखाया जा रहा है नकली चावल कैसे बनता है मगर यह वीडियो कितने सच्चे हैं कहना मुश्किल है।
कैसे करें नकली चावल की पहचान:
1 नकली चावल देखने में काफी चमकीला नजर आता है।
2 अगर दो तरह के नकली चावलों को आपस में मिलाया नहीं गया है तो सारे चावलों का आकार और मोटाई एक जैसी होगी।
3 तौल कर लेंगे तो असली चावल के मुकाबले यह कुछ ज्यादा मिलेगा क्योंकि इसका वजन हल्का होता है।
4 असली चावल में धान की भूसी मिल ही जाती है, नकली में नहीं।
5 पकते वक्त इसे सूंघने पर आपको अंतर पता लग सकता है। यह प्लास्टिक की तरह ही महकता है।
6 काफी देर पकाने के बाद भी यह ठीक से पकता नहीं है।
8 इस चावल के माड (पकने के बाद बचा चावल का पानी) पर सफेद रंग की परत जम जाती है।
9 अगर इस परत को धूप में रख दिया जाए तो ये प्लास्टिक बन जाएगी, जिसे जलाया जा सकता है।
10 यह चावल पानी में तैरता नहीं है क्‍योंकि यह सौ फीसदी प्‍लास्‍टिक नहीं होता इसमें आलू और शकरकंद भी मिला होता है।
मित्रों से मेरी विनती है इस पोस्ट को शेयर करे और आगे बढ़ाए.ताकी पूरा भारत स्वास्थ हो।

Thursday 9 July 2015





मौज-मस्ती में विश्वास रखने वाले लोग एंजॉय करने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं. ऐसा ही एक वाक्या तब सामने आया जब पोलैंड के वॉरसॉ में लोगों ने ज़ॉम्बी वॉक में हिस्सा लिया.

इस वॉक के दौरान लोगों ने खुद को ही ज़ॉम्बी के रूप में डेकोरेट कर लिया. ये सजावट इतनी लाइवली (जीवंत) थी कि उन्हें देखकर सच में डर लग जाए.
हम अपने रिडर्स को बताते चलें कि ज़ॉम्बी जैसा एक जीव इंसानी कल्पना मात्र है. यह इंसान का वो रूप है जो वायरस के चपेट में आकर अमर हो जाता है.
अमरत्व से मतलब यह है कि इस तरह का इंसान तब तक नहीं मरता जबतक कि उसकी कमर ना तोड़ दी जाए.
इंसना जब ज़ॉम्बी बन जाता है तो उसे इंसानी मांस से भी परहेज नहीं होता. इस परिकल्पना की सबसे खास बता यह है कि ज़ॉम्बी वायरस ऐसा वायरस है जो काटने से फैलता है.